लेखनी कविता - फुहारों वाली बारिश - नागार्जुन

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फुहारों वाली बारिश / नागार्जुन जाने, किधर से चुपचाप आकर हाथी सामने लेट गए हैं, जाने किधर से चुपचाप आकर हाथी सामने बैठ गए हैं ! पहाड़ों-जैसे अति विशाल आयतनोंवाले पाँच-सात ...

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